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हिंदी कहानियां - भाग 112

बीरबल हमेशा अकबर को हर बात का जवाब दे देते थे, इसलिए अकबर ने उन्हें मूर्ख बनाने की एक योजना बनायी।


उन्होंने एक सुबह सभी दरबारियों को बीरबल के पहुंचने से पहले एक-एक अंडा दे दिया। जब बीरबल दरबार में पहुंचे तो बादशाह ने कहा, उन्होंने रात को एक स्वप्न देखा है यदि उनके सभी मंत्री शाही बगीचे के तालाब से एक अंडा निकल कर लायेंगे तो वे ईमानदार होंगे।

अकबर ने सभी दरबारियों को एक-एक कर तालाब पर जाने को कहा और अंडा लाने को कहा। एक-एक कर, उनके सभी मंत्री तालाब पर गये और अंडे को लेकर वापिस आ गये।

अब बीरबल की बारी थी। वह तालाब में कूदा पर कोई अंडा नहीं मिला। वह समझ गया कि अकबर उसके लिए कोई चाल चल रहे है।

बीरबल दरबार में मुर्गे की आवाज निकालते हुए दाखिल हुए।

बादशाह ने उन्हें चुप होने को कहा और अंडा दिखाने को कहा। बीरबल मुस्कुराये और बोले, केवल मुर्गी ही अंडे देती है और मैं तो मुर्गा हूँ। इसलिए अंडा नहीं दे सकता।

हर कोई हंसने लगा और बादशाह को एहसास हो गया कि बीरबल को आसानी से मूर्ख नहीं बनाया जा सकता।

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